Monika garg

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लेखनी कहानी -13-May-2022#नान स्टाप चैलेंज# कभी अलविदा नहीं कह सकती

दीदी तुम ससुराल चली जाओगी तो मेरा कौन ध्यान रखेगा। मै तो बिल्कुल अकेला रह जाऊँ गा।"समीर ,जया की गोद मे पड कर सुबक रहा था।जया थी कि उस की आँखे थमने का नाम ही नही ले रही थी।बार-बार उसे ये ख्याल आकर रुलाये जा रहा था कि जब  वह ससुराल चली जायेगी तो समीर की छोटी-छोटी जरूरतों का कौन ध्यान रखेगा।बचपन मे ही माँ का साया सिर से उठ गया था।एक बहन होते हुए भी एक माँ  की तरह ख्याल रखा था जया ने समीर का।
    तीन दिन बाद शादी थी जया की।घर मे शादी के माहौल था मेहमानों की आवाजाही हो रही थी ।एक तरफ समीर था जिस का मन बहुत भारी हो रहा था।सोच के ही पगला रहा था कि जया दीदी के बग़ैर कैसे रहेगा।अपनी छोटी छोटी सी समस्याएं लेकर भी दीदी के पास पहुँच जाता था।कभी "दीदी मेरी पेन्ट नही मिल रही"कभी "दीदी आज कालेज का पहला दिन है कैसे जाऊँ "।और तो और कपड़े भी दीदी के चवाइस के पहनता।अब वही माँ रूपी दीदी ससुराल जा रही थी।मन बैठा जा रहा था समीर का।
पिता से समीर को डर  लगता था।मन की बात कह नही पाता था।शादी की तैयारियां जोर शोर से हो रही थी।सारी रस्मे हो रही थी।इतने मे जया की ससुराल से उसकी शादी का जोड़ा आ गया ।पिता ने समीर को शादी का जोड़ा जया के कमरे मे रखने को बोला ।समीर जब शादी का जोड़ा ले जा रहा था तो उसका मन कर रहा था काश!इस जोड़े में कोई नुकस निकल आये ताकि उसकी दीदी ये ना पहन सके।और ससुराल ना जा सके ।पर जिसे जाना है वो जाता ही है जया को ससुराल जाना ही था जो अटल सत्य था जिसे समीर का मन मान ही नही रहा था।बार-बार आँखे भर आती थी।वरमाला तक तो समीर किसी तरह अपने आप को समेटे रहा।जब फेरो का वक्त आया तो समीर का बांध टूट गया।वह फेरों की अन्तिम रस्म करवा कर चुपचाप वहाँ से चला गया और अपने कमरे मे जाकर अन्दर से लाॅक कर लिया।जब विदाई का समय आया तो चारों तरफ समीर की खोज होने लगी।कहाँ है समीर ।किधर गया वो।पर किसी को भी पता नही चल पाया।पिता ने जया को कहा समीर  नही मिल रहा है पता नही कहाँ चला गया।जया आँखो में आँसु भरकर बोली,"पापा!मुझे पता है वो कहाँ होगा इस वक्त ।"जया तुरंत कार से उतरी और समीर के कमरे के बाहर पहुंची ।देखा समीर माँ की फ़ोटो के आगे सिर झुका कर बैठा है।जया ने उसे आवाज़ लगायी,"उठ ! चल खोल दरवाजा  मेरे भाई ।देख तेरी बहन जा रही है।"समीर ने चेहरा उपर उठाया तो सारा चेहरा आंसुओ से भिगा हुआ था।बस यही बोले जा रहा था जोर जोर से ,"नही दीदी तुम मुझे छोड़कर कहीं नही जाओगी।मै कैसे रहूँगा ।नही..........तुम मुझे अलविदा नही कह सकती हो।नही दीदी........

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5 Comments

अदिति झा

11-Feb-2023 12:20 PM

Nice 👌

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Varsha_Upadhyay

10-Feb-2023 09:21 PM

Nice 👍🏼

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Gunjan Kamal

09-Feb-2023 06:57 PM

👌👌

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